Stealth • 9h
इससे बस एक ही बात पता चलती है कि भारतीय कम्पनियों में रचना की कमी है इसीलिए जो बाजार हमारी कम्पनियों के अधीन होना चाहिए था, वह बाजार चीनी कम्पनियों के अधीन है। भारतीय सोशल् मीडिया कम्पनियों को कुछ ऐसा उपलब्ध करवाना होगा, जो कि किही भी अमेरिकी और चीनी कम्पनी में न हो। नोट - हमारे अधीन से तो हमारा अपना बाजार नहीं है।
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